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Showing posts from January, 2021

How to use saffron for beautiful and glowing skin in winter.

  As winter's chill arrives and your skin begins to lose its natural radiance, saffron, or kesar as it's affectionately known in Indian kitchens, comes to the rescue like liquid sunshine. Regarded for centuries as a royal beauty potion, this golden spice has been integral to India’s skincare tradition since the era of queens and empresses. Since the text provided is just "From Indian," I am unable to paraphrase it while maintaining the same word count and language. If you provide a longer text or additional context, I'll be happy to help with a paraphrase. households to Mughal courts, saffron has always been valued not merely as a cooking joy but also as an everlasting secret for glowing, youthful skin. Currently, as skincare enthusiasts return to natural solutions, saffron has reclaimed its position in face masks, serums, and DIY recipes. But what makes this spice so magical for your skin, and how exactly should you use it during the dry winter month? Let break i...

कत्ल का हुनर हासिल (katl ka hunar haslil hai)

  बिन खन्जर के तुझे कत्ल का हुनर हासिल है,  अदाओं का छोङ तेरे चेहर का वो तिल भी कातिल है।

मुहब्बत के कुछ जज्बात (Muhabbat ke kuch jajbat)

   सुना है, मुहब्बत के कुछ जज्बात आँखों से कहे जाते है। अपना मिजाज,  नर्म दिल और खुशमिजाज रख्खा करो यारो। अब लोग  वक्त-ए हकिकत नहीं,  लोगो के चेहरे पढना जानते है।

अस्कों को बता दुँ (askon-ko-btaa-dun-vo-glt-ptaa-khoj-baitthaa-hai-meraa-dil-kb)

  अस्कों को बता दुँ, वो गलत पता खोज बैठा है। मेरा दिल तो कब का खाली है, वो किसी और का पता खोज बैठा है।

सुकून की नींद (sukun ki nind)

  जो बड़े सुकून की नींद पाया करता था, अब ये सर किस गोद में रख कर आजमाऊँ। जो बेशुमार दर्द में भी सो जाया करता था, आज वो नींद कहाँ से लाऊं।

मेरा खुदा जानता है(mera khuda janta hai)

  मेरा खुदा जानता है, इतनी इज्जत और शोहरत मुझे कब मिला है। जरा गौर फरमाओ ऐ लोगो, मुझे भी उस्ताद-ए-मोहतरम का लक़ब मिला है।

ऐ इश्क तू कभी अपने तड़प का मंजर तो देख(ai-ishk-tuu-kbhii-apne-tdddhp-kaa-mnjr-dekh)

  ऐ इश्क तू कभी अपने तड़प का मंजर तो देख,  किस कदर वो चहकते जिस्म को भी हिला देता है। जो शक्स कभी तेरी कसीदे पढ़े न थका करता था, अब ये मर्ज न हो किसी को ऐसी दुआओं में वो हाथों को उठाया फिरता है।

कत्ल ही करना है(katl hi karna hai)

  अगर कत्ल ही करना है, तो खंजर लाया करो। युँ आखों मे काजल लगा कर, नजरे न मिलाया करो।

सुना है अभी भी तुम अपने ख्यालों में जगह दिया करते हो(sunaa hai abhii bhii tum apne khyaalon men jgh diyaa krte ho)

  सुना है अभी भी तुम अपने ख्यालों में जगह दिया करते हो, तो फिर से वो जख्म हरा कर दो ना। अभी बड़े फुर्सत से रहा करते हो, तब तक मेरे मर्ज़ की दवा कर दो ना। कहते हो हम बचपन में नादानियाँ और सैतानियाँ किया करते थे, मैं तो वही नादान हुँ पर तुम खुद को सैतान कर दो ना। जो हमारे दिल में अरमान अधुरे होकर खो गये  उसे तुम फिर से जवाँ कर दो ना। जब तक तुम अपने नये घर से आजाद घुमा  करते हो,  तब तक अपने मुहब्बत को फिर से रवाँ कर दो ना।

मुझे याद है वो सब कुछ अब तुम भूल गए (mujhe yaad hai vo sab kuch ab tum bhul gaye)

  मुझे याद है वो सब कुछ अब तुम भूल गए, वैसे भी हमें वर्षो हुआ स्कूल गए। वो हमारा गलीयों में लङना, चिङाना आौर एक दुसरे को गिराना। मुझे याद है वो सब कुछ अब तुम भूल गए, वैसे भी हमें वर्षो हुआ स्कूल गए। बे वक्त बिन बातों के देख-देख कर मुस्कुराना और रूठ जाना।  मुझे याद है वो सब कुछ अब तुम भूल गए,  वैसे भी हमें वर्षो हुआ स्कूल गए। चलती कक्षा में एक दुसरे से नजरे मिलाना, नजरे छुपाना और वो अपने भवों से इसारे करना। मुझे याद है वो सब कुछ अब तुम भूल गए,  वैसे भी हमें वर्षो हुआ स्कूल गए। मेरा वो तेरे आने का गलियाँ तके जाना और तुझसे नजरे मिला कर आगे बङ जाना। मुझे याद है वो सब कुछ अब तुम भूल गए वैसे भी हमें वर्षो हुआ स्कूल गए। वो अक्सर राहों मे तेरा दिदार हो जाना और बङे उम्मिद से दो टाफियों से भरी हाथों को तेरी ओर बङाना। मुझे याद है वो सब कुछ अब तुम भूल गए,  वैसे भी हमें वर्षो हुआ स्कूल गए। वो राहों में साइकल से साइकल लङाना और तुम्हारे बाप का नाम लेकर मेरा चिङाना। मुझे याद है वो सब कुछ अब तुम भूल गए,  वैसे भी हमें वर्षो हुआ स्कूल गए। मेरा नजर आते ही नाम लेकर तेरा जोर-जोर...

सब जुल्म है हम पर (sab julm hai hum par)

  वो आँखे, वो झुमके और बालों का लहराना, सब जुल्म है हम पर ऐ साक़ी युँ मुस्कुरा कर  तेरा चले जाना। वो बातें, वो हरकत और तेरा इतराना, सब जुल्म है हम पर ऐ साक़ी तेरा युँ आँचल  लहरा कर चले जाना। वो खुशबू ,वो रंगत और तेरा जुल्फे सहलाना, सब जुल्म है हम पर ऐ साक़ी तेरा युँ बिन कुछ  कहे सब कुछ कह जाना।

ठहर सी गई है जिन्दगी (thahar sii gai hai jindagi)

  ठहर सी गई है जिन्दगी, हर वक्त तेरा नाम जुबान पर आता है। मुहब्बत तो सिर्फ  दिखावे के लिए खुशीयाँ देती है, असल जिन्दगी में तो ये बहुत रूलाता है।

तुम हुस्न हो या मौसम(Are you beauti or weather)

 तुम हुस्न हो या मौसम कभी आँखो में मुहब्बत के शबन तो कभी नफरत के ज़ाम रख्खा करते हो, कभी चेहरे पर बे मतलबी मुस्कुराहट तो कभी गुस्से भी आम रख्खा करते हो, तुम हुस्न हो या मौसम जो हर वक्त फिजायें बदला करते हो। कभी अदाओं सादगी तो कभी सरारत के एहतराम रख्खा करते  हो, कभी बातो में नरमी तो कभी शेरो के दहाङ रख्खा करते हो, तुम हुस्न हो या मौसम जो हर वक्त फिजायें बदला करते हो। कभी होठों पर सुर्ख  लाली तो कभी सहरा सा विरान रख्खा करते हो, कभी  हवाओं मे लहराती जुल्फे तो कभी सर पर दुपट्टे का शाम रख्खा करते हो तुम हुस्न हो या मौसम जो हर वक्त फिजायें बदला करते हो।

आँखो और जुल्फों में (In eyes and hair)

  तेरी आँखो और जुल्फों में इस कदर खो जाता हुँ, रातो में ख्वाब भी तेरे आऐं, तेरी तस्वीर सीने से लगा कर सो जाता हुँ।

मतलबी दौर(Mean time)

  इस मतलबी दौर में मज़हबी बू शामिल है, अब इस बदलते मुल्क में इंसानियत नहीं हम और वो के खूँ शामिल है|

दर्द भरी आँख(This painful eyes)

  अब इस दर्द भरी आँखो से कितना मुस्कुराऊँ, चेहरे से तो मुस्कुरा रहा हुँ ना। अब उस बिते हुए शक्स को कितना भूल जाऊँ, और सारे रिश्ते तो निभा रहा हुँ ना।

गुरूर है तेरा मयार(Your Proud on top)

  जो गुरूर है तेरा मयार पर जरा उसे ज़मी आने दे, सिकन न देख चेहरे पर ये इश्क है जरा खुद को बेवजह  मुस्कुराने दे। मै ये नहीं कहता की तू तौर आजमा ज़माने के, बस दिल  की उलझती हुई बातों को आहिस्ता ही सही  जुबां पर आने दे।

इशरत-ए- हया=शर्म की चाहत(Wish of shame)

  इशरत-ए- हया है युँ तेरा पर्दे में रोज अाना इश्क-ए- गुनाह है युँ आशिकों से सुरत छुपाना

वक्त के डोर(Time rope)

इस वक्त के डोर को देख रहे हो, किस ओर खीचा चला जा रहा है। जो कभी हुआ नहीं अपना, उसे सब अपना बता रहा है।