Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2021

How to use saffron for beautiful and glowing skin in winter.

  As winter's chill arrives and your skin begins to lose its natural radiance, saffron, or kesar as it's affectionately known in Indian kitchens, comes to the rescue like liquid sunshine. Regarded for centuries as a royal beauty potion, this golden spice has been integral to India’s skincare tradition since the era of queens and empresses. Since the text provided is just "From Indian," I am unable to paraphrase it while maintaining the same word count and language. If you provide a longer text or additional context, I'll be happy to help with a paraphrase. households to Mughal courts, saffron has always been valued not merely as a cooking joy but also as an everlasting secret for glowing, youthful skin. Currently, as skincare enthusiasts return to natural solutions, saffron has reclaimed its position in face masks, serums, and DIY recipes. But what makes this spice so magical for your skin, and how exactly should you use it during the dry winter month? Let break i...

वक्त कैसा इल्जाम लिख रहा है(waqt kaisa ilzaam likh rha hai-quotes)

   ऐ खुदा मेरे तारीखों पर  ये वक्त कैसा इल्जाम लिख रहा है, अपनो का अपनो पर से इमान उठ रहा है। जो बना बङी मुस्किलो से, वो अब पहचान मिट रहा है। इन सब में खुद की बेबसी देख, मेरे अन्दर का इन्सान घुट रहा है।

इश्क वो शमशीर है (ishq vo shamshir hai- Love sword pain hate)

इश्क वो शमशीर है, जिसे चलाने वाला ही अक्सर घायल होता है। Love is the sword, the person who runs is often injured.

मुहब्बत हुई, वादे किए, कस्मे खाई (muhabbat hui, wade, kasme khaye- love pain)

  मुहब्बत हुई, वादे किए, कस्मे खाई, कई ख़्वाब सजाया। चलो माना,हम ज़िम्मेदारियों की मजबूरियों से जुदा हो गए। पर इतना फर्क हमारी आशिक़ी के दरमियान, अरे 9 साल हम साथ गुजारे है लाहा, क्या इतनी जल्दी मुहब्बत के फर्ज़ से अदा होगए।

हम लड़के (hum ladke- Life pain love dreams )

हम लड़के घर से बाहर अकेले ज़िन्दगी की खोज में निकल तो लेते है लाहा, पर कंधो पर ज़िम्मेदारियों के बोझ, असफल होने की चिंता, अपनों से दूर होने का ग़म, मुहब्बत के छूट जाने का ग़म साथ रहता है।

जिस्मो की भुख मिटाना ही इश्क होता (jismo ki bhukh mitana hi ishq hota-sad shayri)

    जिस्मो की भुख मिटाना ही इश्क होता,   तो दुनियाँ में  तवायफ खाने न होते।

जिस पत्थर को तरास हमनें इश्क़ ए हुस्न दिया (jis pathar ko trash humne ishq e husn diya- surbhi jyoti singh)

  मुहब्बत में जिस पत्थर को तरास हमनें इश्क़ ए हुस्न दिया, आज उसे भी ख़ुदा होने का गुमान है। पत्थर तो पत्थर ही रहा उसके हुस्न ने सिर्फ सूरत बदली, बेवफ़ा हो कर भी उसे मेरी माशूक़ा होने पर गुमान है।

मक़ाम हमेशा पलकों पर रखा (makam humesa palko par rakha- sad shayari)

जिसका मक़ाम अपने जिन्दगी में हमनें हमेशा पलकों पर रखा, वो शख्स  हरजाई निकला है। अरसा दिल में रहा, हमराही वादे किए, जूठे लुक्मे खिलाए, ज़िक्र-ए-परवाह किया, ज़िक्र-ए-मोहब्बत हुई, निग़ाहों में अश्क-ए-ग़ुबार लाया, वो शख्स हमें छोड़ सबसे मिलता है।

लाली और छोटी बिंदी से वो श्रीगांर करती है (lali or chhoti bindi se shringar karti hai -kirthi shetty)

होठों पर लाली और मांथे पर एक छोटी बिंदी से वो श्रीगांर करती है,  फिर वो मुस्कुरा कर अपनें गालों पर पड़ते गढ्ढे (डिम्पल) से वो प्रहार करती है।

अक्सर ख्वाहिशें रौंदी जाती हैं (Aksar khwahishe raundi jati hai love)

  अक्सर ख्वाहिशें रौंदी जाती हैं, अपनों की खुशियां संजोने में। किस्मत अक्सर काटों के बिस्तर सजाती हैं, किसी ख़्वाबों को पूरा होने में।  

भूख मिटा कर चल देते हैं(bhukh mita kar chal dete hai sad shayari)

   भूख मिटा कर चल देते हैं, आज कल लोग मुहब्बत के मायने ही बदल देते हैं।

कसम तेरे लटकते झुमके की (kasam tere latakte jhumke ki-krithi shetty)

कसम तेरे लटकते झुमके की, तेरे काजल भरे ग़ज़ाली आंखों पर फ़िदा हूँ मैं। अब नज़र नहीं आती ज़ीनत ज़माने की, तेरे कलाई भरी चूड़ी गहरी लाली से बंधा हूँ मैं।  

हुस्न और काजल (husn or kajal)

  हुस्न और काजल का बङा गहरा ताल्लुक है,   जनाब ये जहाँ मिलते हैं कयामत ही ढाते है।

नैनो में काजल के धार (naino me kajal ke dhar)

  बङा बारीक रखते हो तुम नैनो में काजल के धार, तुम्हारी आँखे है या किसी साज़िश की जहरीले कटार। 

दिल मे दबे अहसासों को भी चुरा लाया हूँ (Dil me dabe ahsaso ko bhi chura laya hu)

 इस बार कुछ दिल मे दबे अहसासों को भी चुरा लाया हूँ, लिपट कर निदों में उनसे सो सकूँ एक रेशमी दुपट्टा उनका उठा लाया।

मुहब्बत के इस फलसफे में उम्र का एक दौर मेरा भी लुटा है (muhabbat ke iss falsafe me muhabbat ka ek daur mera bhi luta hai- kiyara advani shayari)

  मुहब्बत के इस फलसफे में उम्र का एक दौर मेरा भी लुटा है, है हुनर तो झांक कर देख ये मुस्कुराता दिल मेरा भी टुटा है।

तेरे झुमके के ठुमके (tere jhumke ke thumke)

   ये जो तेरे झुमके के ठुमके है ना,  हाए ....किसी दिन मेरी जान ही ना लेले 💖

हमारे दिल से बड़ा दुश्मन और कोई नहीं (humare dil se bada dushman aur koi nhi)

 हमारे दिल से बड़ा दुश्मन और कोई नहीं है, ये बगावत पर आ जाए ना तबाह और बर्बाद कर के छोड़ता है।

झुमके पर हम दिल हार बैठें हैं (jhumke par hum dil har baithe hai)

 खुले जुल्फें और कानों में वो लटकते बड़े झुमके पर हम दिल हार बैठें हैं जो वो मुस्कुराए गालों पर पड़ते डिम्पल को पर हम जा निसार बैठें है।

kiyara, shayari शौख उन्हें काजल का है और ठोड़ी पर काला तिल है (shaukh unhe kajl ka hai aur thodi par kala til hai-

 शौख उन्हें काजल का है  और ठोड़ी पर काला तिल है, पुरजोर लगाए जो दुनियां  उनसे नज़रें हटे बड़ा मुश्किल है।

वो रज कर मेंहदी हांथो में (vo raj kar mehndi hantho me)

 वो रज कर मेंहदी हांथो में, आंखों में काजल भरते हैं। बादल सी घने उन जुल्फों से, झुमके हर पल तकते हैं। बिंदी चड़ी हैं माथे पर, मांग टिके आहें भरते हैं। हम घायल है चंचल मृग नैनों से, उनके लबों पर अक्सर लाली सजते हैं।

जुल्फें अंगड़ाइयां ले रही थी(julfe angdaiyan le rahi thi)

जुल्फें अंगड़ाइयां ले रही थी चमकते गालों पर, लबों पर रंगे गुलाब था। यौवन खिले थे जैसे फूल डाली पर, बदन संगेमरम का लिबाज़ था। नज़र के टीके ख़ुदा ने दे रखे थे गालों पर, कमर पर जो तिल था वो नशा-ए-शवाब था।

एक मोती के चमक ने खींच लिया मुझको ( Ek moti ki chamak ne khinch liya mujhko- kiyara advani shayari)

 उनकी झुमकों की लटकती एक मोती के चमक ने खींच लिया मुझको, मुस्कुराते चेहरे पर बलखाते जुल्फों का सरमाया था। चेहरा छुपालिया था फूलों सी कोमल हथेलियों से, उनकी आंखो में लाहा जन्नत का हमसाया था।                          ~~~V£R~~~